हिना रब्बानी खार की चुनौतियां और मौके – DW – 20.07.2011
  1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

हिना रब्बानी खार की चुनौतियां और मौके

२० जुलाई २०११

मर्दों को बड़ा समझने वाले पाकिस्तानी समाज में एक महिला को पहली बार विदेश मंत्री का पद मिला. सिर्फ 34 साल की हिना रब्बानी को ऐसी जिम्मेदारी मिली है, जिसमें मुश्किलें तो बहुत हैं लेकिन खुद को साबित करने का विशाल मौका भी.

https://p.dw.com/p/1207M
तस्वीर: picture alliance/dpa

हिना रब्बानी खार विदेश राज्यमंत्री के तौर पर पांच महीने गुजार चुकी हैं और इस दौरान पाकिस्तान में कोई कैबिनेट स्तर पर विदेश मंत्री नहीं था. लिहाजा उन्हें मंत्रिमंडल का तजुर्बा तो जरूर है लेकिन आगे आने वाली चुनौतियां जरा बड़ी हैं. आसियान देशों की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री के सामने अपनी बात रखनी है और फिर अगले हफ्ते भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात करनी है. वह पहले वित्त विभाग में राज्यमंत्री के तौर पर भी काम कर चुकी हैं.

Nicolas Sarkozy Yousuf Raza Gilani 2011 NO FLASH
कम उम्र में लंबी छलांगतस्वीर: AP

उनके राज्यमंत्री रहते वित्त विभाग के कैबिनेट मंत्री शौकत तरीन का कहना है, "यह कोई आसान काम नहीं होगा क्योंकि पाकिस्तान की विदेश नीति देश के अंदर भी बहुत पेचीदा होती जा रही है. प्रभाव डालने वाले कई ग्रुप हैं और उन्हें उनके साथ मिल कर काम करना पड़ेगा. यह उनकी परिपक्वता की परीक्षा होगी."

मुश्किल चुनौतियां

भारत और पाकिस्तान को अगले हफ्ते विदेश मंत्री स्तर की बातचीत करनी है, जिसमें खार को पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करना है. 2008 में 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद दोनों देशों की बातचीत टूट गई थी. इस साल दोनों देशों ने फिर से बातचीत शुरू की है लेकिन शीर्ष स्तर पर यह पहली मुलाकात होगी. हालांकि उससे पहले उन्हें इंडोनेशिया में हो रही आसियान देशों की बैठक में हिस्सा लेना है. वहां उनकी मुलाकात अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और चीनी विदेश मंत्री से बातचीत करनी है. इन सबके अलावा घरेलू स्तर पर भी कई मुद्दों से निपटना है. पाकिस्तान में अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से अमेरिका से विदेश स्तर पर उसके रिश्ते बेहद खराब हो गए हैं और विदेश मंत्री होने के नाते खार पर इसे सुधारने की भी जिम्मेदारी होगी.

हिना रब्बानी खार ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से जुड़ी पार्टी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया लेकिन बाद में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी में शामिल हो गईं और 2009 में वित्त राज्य मंत्री बनीं.

पाकिस्तान में महिला अधिकार

महिला अधिकारों के मामले में पाकिस्तान का नंबर बहुत पीछे आता है लेकिन राजनीति में महिलाओं को बड़े मौके मिलते रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी मिसाल बेनजीर भुट्टो हैं, जो किसी भी मुस्लिम राष्ट्र की पहली राष्ट्राध्यक्ष थीं. भुट्टो की 2007 में हत्या कर दी गई.

Flash-Galerie Mächtige Politikerinnen Benazir Bhutto
मुस्लिम देश की पहली मुखिया बेनजीरतस्वीर: picture alliance/dpa

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने खार की नियुक्ति पर जारी बयान में कहा, "यह कदम महिलाओं को राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने की सरकार की प्रतिबद्धता तो दर्शाता है."

दूसरे हलकों में भी इस नियुक्ति की तारीफ हुई है लेकिन खार की उम्र और उनके कम अनुभव पर सवाल उठाए जा रहे हैं. पाकिस्तान के पूर्व विशेष सचिव अशफाक हसन खान का कहना है, "हालांकि आजकल अंतरराष्ट्रीय रिश्ते बेहद पेचीदा हो गए हैं लेकिन खार अपना काम संभाल लेंगी." पूर्व वित्त मंत्री तरीन का कहना है, "मुझे लगता है कि अगर पार्टी में वरिष्ठ लोगों ने उन्हें सही मार्गदर्शन किया, तो वह एक प्रभावी विदेश मंत्री बन सकेंगी."

खार पंजाब सूबे के एक राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता मलिक नूर रब्बानी खार बड़े जमींदार थे, जबकि उनके चाचा गुलाम मुस्तफा खार पंजाब के गवर्नर रह चुके हैं. खार पाकिस्तान की सबसे कम उम्र की विदेश मंत्री हैं और देश की 26वीं. शुरुआती पढ़ाई पाकिस्तान में करने के बाद उन्होंने अमेरिका की मैसेचुसेट्स यूनिवर्सिटी से 2001 में हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म में एमएससी की पढ़ाई की है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः आभा एम

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें