सीरिया में 25 प्रदर्शनकारियों की मौत – DW – 24.03.2011
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सीरिया में 25 प्रदर्शनकारियों की मौत

२४ मार्च २०११

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने कहा है कि सीरिया में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी हो रही हैं. इस बीच दक्षिणी शहर दारा में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों की झड़पों में 25 लोग मारे गए हैं.

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तस्वीर: AP

दारा में मुख्य अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उनके यहां 25 लोगों के शव लाए गए हैं जो सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में मारे गए. एक चश्मदीद ने बताया कि सुरक्षा बलों ने दारा के पास बुधवार को युवा प्रदर्शकारियों पर गोली चलाई जिसके बाद देश में सरकार विरोधी लहर एकदम जोड़ पकड़ गई है. शुक्रवार से सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण सीरिया में 32 आम लोग मारे गए हैं.

दारा मुख्यतः सुन्नी आबादी वाला शहर है जो जॉर्डन की सीमा के नजदीक है. वहां सरकार विरोधी प्रदर्शन लगातार तेज हो रहे हैं. स्थानीय बैंक में काम करने वाले एक स्थानीय कर्मचारी अमल ने एएफपी को बताया, "हमारा शहर इस समय लगभग उबल रहा हैं लेकिन सड़कें बिल्कुल खाली हैं. सब स्कूल बंद हैं. मैं आज सुबह काम पर गया लेकिन वापस आ गया. वहां सिक्योरिटी गार्ड के अलावा कोई नहीं था."

इस बीच मानवाधिकार गुटों का कहना है कि सीरिया के दारा शहर में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हो रही हैं जो सुरक्षा पर अपनी सख्त पकड़ के लिए बदनाम है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 93 लोगों की सूची तैयार की है जिनमें ऑनलाइन मुहिम चलाने वाले लोग भी शामिल हैं. इन लोगों को इसी महीने दमिश्क, अलेपो, बनियास, दारा, हामा और दूसरे शहरों में गिरफ्तार किया गया. एमनेस्टी के बयान में कहा गया है, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनकी असल संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है. बताया जाता है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में 14 से 45 साल की उम्र के छात्र, बुद्धिजीवी, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं.

लंदन स्थित सीरियन ऑबजरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने गुरुवार को बताया कि 27 साल के ब्लॉगर अहमद हदीफा को दमिश्क में उनके दफ्तर से गिरफ्तार किया गया. वह फेसबुक के जरिए दारा में प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे थे. पिछले महीने भी हदीफा को ब्लॉगिंग से जुड़ी गतिविधियों के लिए हिरासत में रखा गया.

सीरिया में 1963 से इमरजेंसी कानून लागू है जिसके तहत प्रदर्शनों पर पाबंदी है. मध्य पूर्व में जारी बदलाव की लहर अब सीरिया में भी महसूस की जा रही है. राजधानी दमिश्क में भी विरोध की खबरें हैं, लेकिन सरकार विरोधी लहर का मुख्य केंद्र दारा शहर बन रहा है. इस शहर की आबादी लगभग ढाई लाख है. प्रदर्शनकारी हफ्ते भर से शहर की ओमारी मस्जिद पर जमे बैठे हैं. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति बशर अल असद के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं जिनकी बाथ बार्टी 40 साल से सत्ता में है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः महेश झा

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