सीरिया पर हमले पर विवाद – DW – 28.10.2008
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सीरिया पर हमले पर विवाद

२८ अक्टूबर २००८

सीरियाई सीमा में रविवार को हुए पर अमेरिका ने कोई बयान नहीं दिया था. इराक़ से हुए इस हमले में 8 लोग मारे गए थे.फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है.

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हमले में कई ज़ख़्मीतस्वीर: picture-alliance/dpa

अरब लीग और रूस ने इस मामले पर अमेरिका को आड़े हाथों लिया है, तो इराक़ के भी कुछ नेताओं ने इसके ख़िलाफ़ बयान दिया है.

अमेरिकी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता शॉन मैकॉर्मैक ने स्वीकार किया कि रविवार को दमिश्क़-सरकार ने अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत मॉरा कॉनैली को सीरियाई विदेशमंत्रालय बुलाकर उस सीमावर्ती इलाक़े में हुई गतिविधि के बारे में अपना प्रतिवाद व्यक्त किया.

पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि पिछले कुछ वर्षों में सीरिया से मुस्लिम उग्रवादियों की इराक़ में दाख़िल होने की गतिविधि में कमी आई है, "तीन-चार वर्ष पहले, यहां तक कि दो वर्ष पहले भी, हम सीरिया से इराक़ में घुसपैठ के बारे में काफ़ी कुछ पढ़ते थे. अब वह गतिविधि कम हो गई है, जिसका अर्थ यह नहीं है कि इस सिलसिले में जारी समस्याएं अब नहीं हैं."

लेकिन प्रवक्ता ने कहा कि सीरिया के साथ अमेरिकी संबंधों में सुधार की संभावनाएं बेहतर हुई हैं और कि सीरिया जानता है कि उसे अपने क्षेत्र में एक अलग तरह की भूमिका निभाने के लिए क्या करने की ज़रूरत है, "उदाहरण के लिए, मैं उसके, इज़रायल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के फ़ैसले की ओर ध्यान दिलाउंगा."

मैकॉर्मैक ने उसके, तुर्की सरकार के माध्यम से इज़रायल-सरकार के साथ एक शांति-समझौते की दिशा में क़दमों का भी उल्लेख किया.

लेकिन क्या सीरिया और पाकिस्तान में ऐसी घटनाओं से अमरीका-सरकार के लिए कूटनीतिक समस्याएं पैदा नहीं होतीं?

मैकॉर्मैक का कहना था कि 2001 के बाद से अमेरिका और उसके मित्रदेशों को, आतंक के विरुद्ध कठिन काम अंजाम देने पड़े हैं और महत्वपूर्ण सफलताओं के बावजूद, यह सिलसिला वर्षों तक जारी रहेगा, "यह काम अगली सरकार में भी जारी रहेगा, उसे भी इस संबंध में फ़ैसले करने पड़ेंगे कि पूरे विश्व में उग्र अतिवादियों का सामना किस तरह किया जाए."

अगले प्रशासन के सामने इस सिलसिले में जो भी चुनौतियां हों, अपने अंतिम दिनों में बुश-सरकार, अपने मित्रों और विरोधियों के सामने एक कठोर विकल्प रखती जान पड़ती है - उग्रवादियों और आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करो, वर्ना अमरीका स्वयं ऐसे क़दम उठाने से नहीं हिचकेगा.

अरब लीग के प्रमुख अम्र मूसा का मानना है कि मुश्किल दौर से गुज़र रहे इलाक़े में तनाव और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि सीरिया को अपनी संप्रभुता की सुरक्षा करने का अधिकार है और इस मामले की जांच होनी चाहिए. सीरिया पहले ही इस मामले में सख़्त क़दम उठा चुका है और अमेरिकी राजदूत को तलब कर चुका है.

इस बीच, रूस ने भी इस हमले की तीखी निंदा की है, जबकि इराक़ के कुर्द नेताओं ने भी कहा है कि इस हमले के बाद इराक़ की स्थिति कमज़ोर हो सकती है. कुर्द नेता मोहम्मद उसमान का दावा है कि हमले से पहले इराक़ी सरकार को भरोसे में नहीं लिया गया. हालांकि सरकार के प्रवक्ता अली अल दब्बाग़ का कहना है कि सीरिया के जिस इलाक़े पर हमला किया गया है, वहां इराक़ के ख़िलाफ़ आतंकवादी साज़िश रची जाती है. इराक़ में तैनात अमेरिकी फ़ौज पहले ही सीरिया को इराक़ के लिए ख़तरा बता चुकी है.

सीरिया के अलबू कमाल इलाक़े में अल सुकारी फ़ार्म के पास चार हेलिकॉप्टरों से किए गए हमले में आठ नागरिक मारे गए थे, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं. मामले से पैदा हुए तनाव के बीच ब्रिटेन और सीरिया के विदेश मंत्रियों की लंदन में साझा प्रेस कांफ्रेंस टाल दी गई है.

अमेरिकी फ़ौज ने कुछ इसी तरह कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के वज़ीरिस्तान इलाक़े में मिसाइल हमले शुरू किए थे, जो हाल के दिनों में बढ़ते जा रहे हैं और ऐसे ही एक ताज़ा हमले में 20 लोगों की मौत हो गई है.