मुबारक के न हटने पर आक्रोश दिवस – DW – 11.02.2011
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मुबारक के न हटने पर आक्रोश दिवस

११ फ़रवरी २०११

हुस्नी मुबारक के राष्ट्रपति बने रहने से जनता में भारी गुस्सा है और लोग अब तक के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शन को आक्रोश दिवस का नाम दिया. मुबारक का इस्तीफा देने से इंकार.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

भले ही हुस्नी मुबारक ने उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान को कई अहम अधिकार सौंप दिए हैं लेकिन वह स्पष्ट कर चुके हैं कि सितंबर तक देश की बागडोर संभाले रहेंगे. मुबारक ने कहा कि वह किसी अन्य देश में निर्वासित जीवन बिताने के बजाए मिस्र में ही मरना पसंद करेंगे. लेकिन मुबारक के इस बयान के बाद से लोगों में भारी आक्रोश है और मुबारक को हटाने के लिए उन्होंने अपना आंदोलन और तेज करने का संकल्प लिया है. लोग हैरान और क्रोधित हैं.

टेलीविजन पर मुबारक के भाषण को सुन रहे लोगों ने जब यह जाना कि वह इस्तीफा नहीं देंगे तो उन्होंने मुबारक मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए. काहिरा के तहरीर स्क्वेयर पर जमा हजारों लोगों में हताशा भरे गुस्से की लहर दौड़ गई.

हुस्नी मुबारक के शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का यह 17वां दिन है. मुबारक के भाषण पर लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए तत्काल हड़ताल बुलाने का फैसला किया. मिस्र की जनता ने सेना से भी कहा, "फैसला अब आपको करना है, सरकार या फिर जनता."

NO FLASH Ägypten Proteste
तस्वीर: picture alliance/dpa

मुबारक का संबोधन सुनने के बाद लोगों ने घरों को लौटना शुरू कर दिया है लेकिन अधिकतर इस संकल्प के साथ वापस जा रहे हैं कि शुक्रवार को वे फिर प्रदर्शन के लिए लौटेंगे. इस शुक्रवार को आक्रोश दिवस का नाम दिया गया है. काहिरा के तहरीर स्क्वेयर पर जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था है और सैनिकों को तैनात किया गया है. लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी तंबू और टेंट लगाकर वहां जमे हुए हैं और हटने से मना कर रहे हैं.

32 वर्षीय अकाउंटेंट अयमान शॉकी ने कहा, "हम तब तक नहीं हटेंगे जब तक वह नहीं हट जाते. मुझे नहीं लगता कि यह कोई बेवकूफी है. यह अहंकार है. सम्मान के साथ पद से हटने का आखिरी मौका उन्होंने खो दिया है."

गुरुवार को तहरीर स्कवेयर पर इन रिपोर्टों के बाद जश्न का माहौल रहा कि हुस्नी मुबारक पद से हटने के लिए तैयार हो गए हैं. सेना ने भी भरोसा दिया कि लोगों की जायज मांगों को पूरा करने की कोशिश होगी.

Flash Mubarak Anhänger nahe Kairo nach den Zusammenstößen in Alexandria Ägypten
तस्वीर: AP

हजारों लोग यह सोचकर खुशियां मनाने लगे कि हुस्नी मुबारक के 30 साल से चले आ रहे शासन का अंत निकट है. लेकिन मुबारक का संबोधन खत्म होते होते आंदोलन कर रही जनता निराशा और आक्रोश में डूब गई. जनता ने नारे लगाए, "न मुबारक न सुलेमान." एक वृद्ध महिला का कहना है कि बूढ़ा नेता सत्ता से हटने को तैयार ही नहीं हो रहा है. वह ऐसे बात कर रहा है जैसे जनता मूर्ख हो. अब जनता शुक्रवार को बड़े विरोध के लिए तैयार हो रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: उ भट्टाचार्य

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