टेलीकॉम घोटाले में 10 कंपनियों पर शक – DW – 02.03.2011
  1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

टेलीकॉम घोटाले में 10 कंपनियों पर शक

२ मार्च २०११

भारत में 176 अरब रुपये के टेलीकॉम घोटाले की गांठ कुछ कुछ खुलने लगी है. 10 कंपनियों के बड़े अफसर और प्रमोटर उन 63 लोगों में शामिल हैं, जिन पर सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. उसने सुप्रीम कोर्ट को यह बात बता दी है.

https://p.dw.com/p/10Ri9
ए राजातस्वीर: picture alliance/dpa

अदालत ने इस आरोप को दरकिनार कर दिया कि 2जी स्पेक्ट्रम में टाटा के खिलाफ जांच को दबाया जा रहा है और उसकी जांच ठीक से नहीं की गई. कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने इस बात का संकेत दिया है कि याचिकाकर्ता ने जो आरोप लगाए हैं, उनके आधार पर टाटा के खिलाफ जांच की जा रही है.

याचिका दायर करने वाली गैर सरकारी संगठन के वकील प्रशांत भूषण का आरोप है कि सीबीआई ने टाटा से जुड़े कई मुद्दों की जांच नहीं की, जिनमें चेन्नई में डीएमके को दिया गया जमीन के एक टुकड़े का मामला भी शामिल है.

सुप्रीम कोर्ट के जजों जीएस सिंघवी और एके गांगुली की बेंच ने कहा, "सीबीआई ऐसा काम कर रही है, जिस पर शक नहीं किया जा सकता है. अगर जांच में कुछ गड़बड़ी के संकेत मिलेंगे तो हम आपको बताएंगे."

दलील खारिज

गैरसरकारी संगठन की दलील को खारिज करते हुए बेंच ने कहा, "केस सही दिशा में बढ़ रहा है. पहली नजर में नहीं लगता कि जांच में कुछ गड़बड़ी है. हम भी चाहते हैं कि सीबीआई हर पहलू की जांच करे. इस बात का जिक्र रिपोर्ट में है और इसमें आपकी बात का भी उल्लेख है."

जब प्रशांत भूषण ने कुछ और बिन्दु निकालने की कोशिश की, तो जजों ने कहा कि आप बाद के लिए भी कुछ चीजें अपने पास रखिए.

एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की अपील पर ही मामले की जांच सीबीआई से हो रही है. भूषण का कहना है कि सीबीआई ने रिलांयस और एस्सार जैसी कंपनियों से तो गहन पूछताछ की है लेकिन टाटा को हाथ नहीं लगाया है.

उन्होंने सीबीआई के संयुक्त निदेशक वाईपी सिंह की स्वैच्छिक रिटायरमेंट पर भी सवाल उठाए, जो अब आईसीसी के भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से जुड़ी एक कंपनी में काम कर रहे हैं. भूषण ने कहा, "यह एक परेशान करने वाली बात है कि जांच में प्रमुख भूमिका निभा रहे संयुक्त निदेशक पद का एक व्यक्ति रिटायरमेंट लेकर आईसीसी की तरफ रुख कर लेता है, जिसकी अध्यक्षता केंद्र सरकार का एक मंत्री कर रहा है. वह ऐसी कंपनी से जुड़े हैं, जिसने टेलीकॉम घोटाले के प्रमुख आरोपी शाहिद उसमान बलवा से 100 करोड़ रुपये लिए हैं."

सीबीआई ने भूषण की इन टिप्पणियों पर एतराज जताते हुए कहा कि मुंहजबानी ऐसी बातें बोलने की जरूरत नहीं है और जो कुछ कहना है उसे हलफनामे में देना चाहिए.

सीबीआई ने अदालत को बताया कि इस मामले में 63 लोगों की जांच की जा रही है, जिनमें से 10 प्रमुख कंपनियों के टॉप लोग शामिल हैं. हालांकि उसने कंपनियों के नाम नहीं बताए. जांच एजेंसी ने सीधे तौर पर पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा की तरफ संकेत देते हुए कहा कि इन 63 लोगों में एक सांसद भी हैं. ए राजा टेलीकॉम घोटाले में आरोपी हैं और दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः वी कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें