विवादित सागर की जमीन पर चीन के कब्जे से परेशान फिलीपींस – DW – 21.12.2022
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विवादित सागर की जमीन पर चीन के कब्जे से परेशान फिलीपींस

२१ दिसम्बर २०२२

दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाकों में कई जमीनी संरचनाओं पर चीन के दावे ने कई देशों की चिंता बढ़ा दी है. फिलीपींस का कहना है कि वह चीन की गतिविधियों के कारण "गंभीर रूप से चिंतित" है.

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चीन पर वीरान द्वीपों पर कब्जा करने का आरोप लगे हैं
उपग्रह से ली गई तस्वीर में एलदाद रीफ की भूसंरचना नजर आ रही हैतस्वीर: Maxar Tech/AFP

मंगलवार को ब्लूमबर्ग ने उपग्रह से मिले चित्रों के हवाले से जानकारी दी थी कि विवादित स्पार्ट्ली द्वीपों के आस-पास उभरी जमीनी संचनाओं के करीब हाइड्रॉलिक एक्सकेवेटर के साथ एक चीनी जहाज मौजूद है और कई सालों से वहां काम कर रहा है.

इस खबर के बाद फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने कहा है, "2016 के आर्बिट्रल अवार्ड और दक्षिण चीन सागर में डेक्लरेशन ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करके जो इस तरह की गतिविधियां हो रही हैं, उससे हम बेहद चिंतित हैं." मंत्रालय ने यह भी कहा है कि दूसरी एजेंसियों को इस मामले की छानबीन कर रिपोर्ट देने को कहा गया है.

जलमार्गों पर चीन का दावा

संसाधनों से भरपूर दक्षिण सागर के सभी जलमार्गों पर चीन दावा करता है. अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिहाज से ये बेहद वयस्त और अहम रूट है. यहां से हर साल खरबों डॉलर का कारोबारी सामान गुजरता है. इन रास्तों के दावेदारों में फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी शामिल हैं. 2012 में संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक ट्राइब्यूनल ने फैसला सुनाया था कि चीन के दावों का कोई आधार नहीं है.

 दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियों से चिंता में फिलीपींस
दक्षिण चीन सागर में चीन और दूसरे देशों का टकराव बढ़ रहा हैतस्वीर: Philippine Coast Guard/AP/picture alliance

हाल के वर्षों में उसने विवादित हिस्से में रीफ पर कृत्रिम द्वीप बना लिए हैं और उनके साथ ही छावनियां और हवाईपट्टियां भी बना रहा है. फिलीपींस ने कई बार चीन के तटरक्षक बल और समुद्री मिलिशिया पर मछुआरों की नाव और दूसरे जहाजों पर हमला करने का आरोप लगाया है.

भूखों मरने की नौबत से घिरे फिलीपींस के मछुआरे

स्पार्ट्ली में चीन ने कम-से-कम सात द्वीपों और चट्टानों पर कब्जा कर रखा है. वहां वह रन-वे, बंदरगाह और रडार सिस्टम लगाकर सैनिक छावनियां बना रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि एल्दाद रीफ, व्हिटसुन रीफ, सैंडी क्ले और लांकियाम काय में नई गतिविधियां चल रही हैं. लाकिंयाम काय, फिलीपींस के नियंत्रण वाले लोइता आयलैंड से 13 किलोमीटर और चीन के नियंत्रण वाले सुबी रीफ से 53.3 किलोमीटर दूर है. लांकियाम काय के पूर्व में करीब 450 किलोमीटर की दूरी पर फिलीपींस का पालवान द्वीप है, जो यहां से सबसे नजदीकी बड़ी जमीन है.

चीन की प्रतिक्रिया

उधर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने रिपोर्ट को, "पूरी तरह आधारहीन" बताया है. निंग का कहना है, "दक्षिण चीन सागर के वीरान द्वीपों और रीफ पर कोई गतिविधि ना चलाना, चीन और आसियान के देशों के बीच सहमति से तय हुआ था और इसे हर पक्ष की घोषणा और गतिविधियों से हासिल किया गया था." चीनी प्रवक्ता का यह भी कहना है, "चीन और फिलिपींस के आपसी रिश्तों की रफ्तार फिलहाल अच्छी है और दोनों पक्ष समुद्री मामलों को दोस्ताना बातचीत के जरिये उचित तरीके से हल करेंगे."

दक्षिण सागर में चीन से परेशान है फिलीपींस
फिलीपींस के राष्ट्रपति का कहना है कि उनका देश एक ईंच जमीन नहीं छोड़ेगातस्वीर: Anusak Laowilas/NurPhoto/picture alliance

पिछले हफ्ते चीन के रॉकेट का मलबा फिलीपींस की नौसेना के जहाज को मिला था. इसे चीन के तटरक्षक बलों ने उनसे "बलपूर्वक" छीन लिया, जिसपर फिलीपींस ने कूटनीतिक विरोध जताया था. हालांकि मनीला में चीन के दूतावास ने बलप्रयोग से इनकार करते हुए कहा कि यह काम जोर-जबरदस्ती से नहीं, बल्कि "दोस्ताना बातचीत" से हुआ.

चीनी दादागीरी का नया शिकार बना उसका दोस्त फिलीपींस

"फिलीपींस नहीं छोड़ेगा जमीन"

फिलीपींस के रक्षा मंत्रालय ने भी पिछले हफ्ते चीनी जहाजों के इरोकिस रीफ और सबीना शोल में घुस जाने पर "गंभीर चिंता" जताई थी. फिलीपींस इन्हें अपना इलाका बताता है. फिलीपींस के कार्यवाहक रक्षा सचिव जोस फाउस्टिनो ने घटना के बाद कहा, "(राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस) का विभाग को स्पष्ट निर्देश है--हम फिलीपींस की एक भी इंच जमीन नहीं छोड़ेंगे." राष्ट्रपति मार्कोस ने जोर देकर कहा है कि वह चीन को फिलीपींस के समुद्री अधिकारों में दखल नहीं देने देंगे. इसके उलट उनके पूर्ववर्ती रोड्रिगो दुतेर्ते चीन की आलोचना करने से बचते रहे थे.

अमेरिकी विदेश विभाग ने इन दोनों घटनाओं पर फिलीपींस का समर्थन किया है और चीन से "अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान" करने को कहा है. इसके जवाब में चीन ने अमेरिका पर समस्या खड़ी करने का आरोप लगाया है. चीन ने फिलीपींस के साथ मतभेद की बात स्वीकार की है, लेकिन कथित घटना को सीधे-सीधे स्वीकार नहीं किया है.

एनआर/एसएम (एएफपी)