डीजलगेट मामले में ऑडी के पूर्व सीईओ को सजा – DW – 27.06.2023
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कारोबारजर्मनी

डीजलगेट मामले में ऑडी के पूर्व सीईओ को सजा

२७ जून २०२३

जर्मन कार कंपनी ऑडी के पूर्व सीईओ रुपर्ट स्टाडलर को डीजलगेट मामले में निलंबित कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है. 2015 में सामने आया यह मामला कारों के कार्बन उत्सर्जन में धोखाधड़ी से जुड़ा था.

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रूपर्ट स्टाडलर ऑडी के पूर्व सीईओ हैं
रूपर्ट स्टाडलर को 21 महीने की निलंबित कैद और 11 लाख यूरो के जुर्माने की सजा मिली हैतस्वीर: Matthias Schrader/AP/picture-alliance

रूपर्ट स्टाडलर जर्मनी के सबसे बड़े पूर्व अधिकारी हैं जिन्हें डीजलगेट मामले में सजा सुनाई गई है. 2015 में इस मामले का पता चलने पर खूब बवाल हुआ था. स्टाडलर ने पिछले महीने ही जेल जाने से बचने के लिए इस मामले में लापरवाही से हुई धोखाधड़ी करने की बात स्वीकार कर ली थी. मंगलवार को म्युनिख की अदालत ने इसकी अगली कड़ी के रूप में उन्हें 21 महीने की निलंबित कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उन्हें 11 लाख यूरो की रकम जुर्माने के तौर पर चुकानी होगी.

60 साल के स्टाडलर ने मई में मान लिया था कि उन्होंने मामला सामने आने के बाद भी धोखा देने वाले सॉफ्टवेयर लगी गाड़ियों को बेचने की इजाजत दी थी. जज श्टेफान वाइकर्ट ने कहा कि स्टाडलर हेरफेर करने वाली कारों की बिक्री को रोकने के लिए "जरूरी कदम उठाने में" नाकाम रहे थे. सजा सुनाए जाते वक्त कोर्ट में मौजूद स्टाडलर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

डीजलगेट स्कैंडल में जर्मनी में पहला मुकदमा

क्या है डीजलगेट का मामला

दुनिया की बड़ी कार कंपनियों मे से एक फोक्सवागन की सब्सिडियरी कंपनियों में पोर्शे, ऑडी, स्कोडा और सीट भी शामिल है. जर्मन कार कंपनी सितंबर 2015 में एक बड़े संकट में घिर गई जब उसने कार से कार्बन उत्सर्जन के बारे में गलत जानकारी देने वाले एक सॉफ्टवेयर लगाने की बात स्वीकार की. ऐसी एक करोड़ 10 लाख कारें पूरी दुनिया में बेची गईं. यह सॉफ्टवेयर गाड़ियों के टेस्ट के दौरान कम कार्बन उत्सर्जन दिखाता था जबकि सड़क पर चलते समय ये गाड़ियां ज्यादा कार्बन उगलती थीं. यही मामला डीजलगेट के नाम से कुख्यात हुआ.

 वोल्फगांग हात्स ने अप्रैल में ही अपनी गलती स्वीकार कर ली थी
वोल्फगांग हात्स सहआरोपी थे उन्हें दो साल की निलंबित कैद और चार लाख यूरो के जुर्माने की सजा सुनाई गई हैतस्वीर: Sven Hoppe/dpa/picture alliance

2020 में म्युनिख की अदालत में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई और इस दौरान पूरे समय स्टाडलर कोई गलती मानने से साफ इनकार करते रहे. हालांकि पिछले महीने एक करार के बाद उनके वकील ने उनका एक बयान पढ़ कर सुनाया. इस बयान में स्टाडलर ने माना कि उन्होंने अपने कारोबारी साझीदारों को यह जानकारी देने में "लापरवाही" बरती कि कथित उपकरणों वाली कारें विवाद सामने आने के  बाद भी बाजार में जा रही हैं.

फोक्सवागन का हमेशा से यह कहना रहा है कि डीजल को लेकर जो साजिश की गई थी वह निचले दर्जे के कुछ कर्मचारियों की कारस्तानी थी. कंपनी यह भी कहती है कि कर्मचारियों ने यह काम अपने वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी के बगैर किया था. स्टाडलर पर भी इस घोटाले के लिए उकसावा देने  के आरोप नहीं लगे हैं.

स्टाडलर पर आरोप

हालांकि जर्मन अभियोजकों ने स्टाडलर को हजारों ऐसी गाड़ियों को बेचते रहने का दोषी माना है जिनमें धोखा देने वाले उपकरण लगे हुए थे. यह गाम 2018 की शुरुआत तक चला. स्टाडलर ऑडी के 11 साल तक मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे हैं. 2018 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. वह फोक्सवागन ग्रुप के मैनेजमेंट बोर्ड में थे. मुकदमा शुरू होने से पहले चार महीने उन्हें जेल में रहना पड़ा क्योंकि अभियोजन पक्ष को डर था कि स्टाडलर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं.

इस मामले में सह अभियुक्त रहे वोल्फगांग हात्स को दो साल के निलंबित कैद और चार लाख यूरो के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. वोल्फगांग पोर्शे और ऑडी के पूर्व मैनेजर हैं. हात्स एक समय ऑडी के इंजिन डेवलपमेंट के प्रमुख रहे थे. उन्होंने अप्रैल में ही अपनी गलती स्वीकार कर ली थी. हात्स ने माना था कि उन्होंने इस सॉफ्टवेयर के इंस्टॉलेशन में मदद दी थी.

इसके अलावा ऑडी के एक और इंजीनियर को 21 महीने की निलंबित सजा और 50 हजार यूरो का जुर्माने की सजा मिली है. सभी तीनों दोषियों के पास ऊंची अदालत में अपील करने का अधिकार है. इनसे मिली जुर्माने की रकम जर्मन राज्य बवेरिया के सरकारी खजाने और कुछ समाजसेवी संगठनों को दिया जाएगी जिनमें एक नेचर कंजर्वेशन फंड भी शामिल है.

एनआर/एसबी (एएफपी)