इंसान के फंदे ने सबसे छोटी बाघिन की जान ली – DW – 14.09.2024
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इंसान के फंदे ने सबसे छोटी बाघिन की जान ली

१४ सितम्बर २०२४

आकार के हिसाब से सुमात्रन टाइगर बाघों की सबसे छोटी उपप्रजाति है. जंगलों में अब सिर्फ 400 से 600 सुमात्राई बाघ बचे हैं. इनमें से एक की इंडोनेशिया में दर्दनाक मौत हुई.

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दो शावकों के साथ सुमात्रन बाघिन
तस्वीर: Gerard Lacz/VWPics/IMAGO

इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में स्थानीय अधिकारियों को जंगल में एक बाघ के अवशेष मिले. सितंबर के दूसरे हफ्ते में मिले इस अवशेष की जांच करने पर अधिकारियों को पता चला कि ये एक बाघिन के अस्थिपंजर हैं. बाघिन, दुर्लभ सुमात्राई बाघ उपप्रजाति की थी. छिन्न-भिन्न होते शव की जांच के आधार पर स्थानीय वन्यजीव संरक्षकों ने दावा किया कि उसकी उम्र तीन साल के आस पास थी. शव परीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि बाघिन लंबे समय तक फंदे में फंसकर मारी गई.

इंडोनेशिया में फंदों के फंसकर पहले भी बाघ मारे जाते रहे हैं. वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी संस्था, वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के मुताबिक, ऐसे फंदे, तार जैसी घरेलू इस्तेमाल की चीजों से बनाए जाते हैं. इन फंदों में फंसने के बाद वन्यजीव छटपटाते रहते हैं. छटपटाहट के साथ फंदा और कसता जाता है और अंत में थकान, भूख, प्यास और फंसे हुए अंग में खून का प्रवाह रुकने से वन्यजीव मारे जाते हैं.

इंडोनेशिया में फसल को जंगली सुअरों से बचाने कई किसान खेत के आस पास ऐसे फंदे लगा देते हैं. कभी कभार इन फंदों में दुर्लभ सुमात्रन टाइगर भी फंस जाते हैं. स्थानीय संरक्षण प्रशासन के प्रमुख रेफदी आजमी के मुताबिक यह जांच की जा रही है कि फंदा बाघ के लिए ही लगाया गया था या फिर किसी और मंशा से.

पूर्वी आचे के जंगल में मिले दो सुमात्रन बाघों के शव
2022 में भी इंडोनेशिया के पूर्वी आचे में फंदे में फंसकर मारे गए तीन सुमात्रन टाइगरतस्वीर: East Aceh Police/AP Photo/picture alliance

भारी मुश्किल में सुमात्रन और मलय बाघ

दुनिया भर के जंगलों में आज करीब 400 से 600 सुमात्राई बाघ हैं. इंटरनेशल यूनियन फॉर कंर्जेवशन ने बाघों की इस उपप्रजाति को गंभीर से रूप से लुप्त होने का खतरा झेलने वाले जीवों की सूची में डाला है.  इंडोनेशिया से बाघों की दो उप्रजातियां, बाली टाइगर और जावा टाइगर लुप्त हो चुकी हैं.

बाघ, पैंथरा टाइग्रिस प्रजाति के जीव हैं. बाघों के परिवार को कई उपप्रजातियों में बांटा गया है. इनमें अब सिर्फ साइबेरियन या आमूर टाइगर, बंगाल टाइगर, मलय टाइगर और सुमात्रन टाइगर ही बचे हैं. रूस और पूर्वोत्तर चीन में बसने वाले साइबेरियन टाइगर आकार में सबसे बड़े होते हैं. साइज के मामले में दूसरे नंबर पर भारत, नेपाल और बांग्लादेश में पाया जाने वाला बंगाल टाइगर आता है. मलेशिया में पाया जाने वाला मलय टाइगर इन दोनों से छोटा होता है. वहीं सुमात्रन टाइगर बाघों की सबसे छोटी उपप्रजाति है.

भारतीय बाघों के स्वागत के लिए तैयार कंबोडिया

आज जंगलों में 120 के आस पास मलय हैं और अधिकतम 600 सुमात्रन टाइगर. इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम ऑयल का उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर ताड़ की खेती शुरू की गई. ताड़ की इस खेती के लिए जंगल काटे गए, जिससे बाघों का प्राकृतिक आवास सिमटता चला गया.

ओएसजे/केबी (डीपीए)