सनसनीखेज अमेरिकी वीडियो की जांच – DW – 12.01.2012
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सनसनीखेज अमेरिकी वीडियो की जांच

१२ जनवरी २०१२

अमेरिकी सेना उस सनसनीखेज वीडियो की जांच कर रही है जिसमें अमेरिकी नौसेनिक तालिबान लड़ाकों के शवों पर पेशाब कर रहे हैं. अमेरिकी सेना ने इस व्यव्हार को घृणित करार दिया है.

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तस्वीर: AP

वीडियो में अमेरिकी सेना की यूनिफॉर्म पहने चार लोग देखे जा सकते हैं जो जमीन पर पड़े शवों पर पेशाब कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि वे जानते हैं कि उन्हें फिल्माया जा रहा है. एक कह रहा है, 'बडी, तुम्हारा आज का दिन अच्छा हो.'

पेंटागन ने अभी इस वीडियो की पुष्टि नहीं की है लेकिन प्रवक्ता जॉन कर्बी के हवाले से एएफपी समाचार एजेंसी ने लिखा है, "हालात और वीडियो में कौन है इसे छोड़ भी दिया जाए तो भी यह बहुत ही बुरा और घृणित व्यव्हार है, यूनिफॉर्म पहने किसी भी व्यक्ति से अपेक्षित नहीं. यह देख कर मुझे उबकाई आ गई." 

एक सैन्य अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि जो हथियार इनके हाथ में हैं और हेलमेट से ऐसा लगता है कि यह एलीट स्नाइपर टीम यानी उच्च श्रेणी के सैनिक हैं. वॉशिंगटन में अमेरिकी इस्लामिक परिषद (सीएआईआर) ने इस वीडियो की निंदा की है. उसका कहना है, "यह एक ऐसा व्यव्हार है जो अमेरिकी सैन्य मूल्यों के बिलकुल विपरीत है और आखिरकार सैनिकों और नागरिकों को खतरे में डालेगा. हमें भरोसा है कि मन विचलित करने वाले इस व्यव्हार की पारदर्शी तरीके से जांच की जाएगी और उसके आधार पर बाकायदा कदम उठाए जाएंगे. दोषियों को यूनिफॉर्म कोड और अमेरिकी कानून के हिसाब से सजा दी जानी चाहिए."

वहीं पेंटागन ने कहा, "हमने अभी इस वीडियो की प्रामाणिकता की जांच नहीं की है. इन लोगों का काम मरीन्स के मूल्यों से बिलकुल मेल नहीं खाता. इस मामले की पूरी जांच की जाएगी.

Afghanistan USA Großoffensive in Helmand
तस्वीर: AP

अफगानिस्तान में करीब 20,000 अमेरिकी नौसेनिक तैनात हैं और इनमें से अधिकतर कंधार और हेलमंद में हैं."

यूट्यूब सहित कुछ और वेबसाइट्स पर रिलीज यह वीडियो अफगानिस्तान में पहले से ही फैली अमेरिका विरोधी भावना को और भड़का सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का प्रशासन अफगानिस्तान में शांति की कोशिशों के तहत तालिबान से बातचीत का भी कदम उठा रहा है. लेकिन इस तरह के वीडियो लोगों की भावनाएं भड़का सकते हैं और कूटनीतिक कोशिशों को विफल कर सकते हैं. उधर तालिबान ने इस वीडियो की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा, "विदेशी सेना का यह एक और बर्बर काम है. 10 साल से ऐसे कई मामले हुए हैं जो कभी सामने ही नहीं आए." साथ ही तालिबान प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इस तरह के वीडियो से शांति प्रक्रिया नहीं रुकेगी.

वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की हाई पीस काउंसिल की मुख्य मध्यस्थ अर्सला रहमानी ने कहा,  इस तरह की करतूत शांति की कोशिशों पर बहुत ही बुरा असर डालेंगी."

रिपोर्टः एएफपी/रॉयटर्स/आभा एम

संपादनः एम गोपालकृष्णन

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