"लीबियाई वायुसेना खत्म, गद्दाफी की थलसेना निशाने पर" – DW – 24.03.2011
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"लीबियाई वायुसेना खत्म, गद्दाफी की थलसेना निशाने पर"

२४ मार्च २०११

ब्रिटिश विदेश मंत्री ने कहा है कि लीबिया के ऊपर उड़ान निषिद्ध क्षेत्र कायम कर दिया गया है जिसके बाद कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की वायुसेना नकारा साबित हो रही है. गठबंधन सेना ने लीबिया की थलसेना के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की.

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तस्वीर: AP

ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा, "लीबियाई सेना का कोई विमान अब उड़ान नहीं भर रहा है." हालांकि आम लोगों को निशाना बना कर की जाने वाली हिंसा को रोकने के लिए व्यापक कदम उठाने की अब भी जरूरत है. उन्होंने कहा, "यह कार्रवाई बेहद जरूरी है. अब भी लीबिया के आम लोगों पर हिंसा हो रही है जिससे सरकार की ओर से किए गए युद्धविराम की शर्मनाक हकीकत सामने आ रही है."

ब्रिटिश विदेश मंत्री का कहना है कि आम लोगों पर गद्दाफी सरकार की ओर से किए जा रहे जुल्म मौजूदा सैन्य अभियान को जारी रखने के उनके हौसले को मजबूत करते हैं. ब्रिटिश सेना ने शनिवार से लीबिया पर 59 बार हमले किए हैं. कुछ हमले लड़ाकू विमानों से और कुछ मिसाइलों से किए गए हैं. कुल 13 देशों ने क्षेत्र में अपनी सेनाएं भेज रखी हैं. कुछ और देश भी इस कार्रवाई में शामिल होने वाले हैं.

हेग ने जोर देकर कहा है कि मौजूदा अभियान अमेरिका की अगुवाई में चल रहा है, लेकिन वह चाहते है कि यह जिम्मेदारी जल्द नाटो को दे दी जाए. ब्रिटिश विदेश मंत्री के मुताबिक उनका देश लीबिया पर दबाव बढ़ाने के लिए राजनयिक दबाव भी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. अगले मंगलवार को लंदन में हेग की अध्यक्षता में एक बैठक हो रही है जिसमें नाटो देश और अहम अंतरराष्ट्रीय संगठन एक साथ होंगे. इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग, अफ्रीकी संघ और बहुत से अरब देश भी हिस्सा लेंगे.

उधर लीबिया में कर्नल गद्दाफी की थलसेना को भी अब निशाना बनाया जा रहा है. ब्रिटिश एयर वाइस मार्शल ग्रेग बागवेल ने कहा है कि ओडिसी डॉन अभियान के इस दूसरे चरण में गद्दाफी के टैंको, मोबाइल रॉकेट लॉन्चर, हैवी गन और छोटी दूसरी की मिसाइलों को निशाना बनाया जा रहा है. अमेरिका और गठबंधन सेनाएं अब अपना ध्यान गद्दाफी को थल सेना पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. गठबंधन का दावा है कि लीबिया की वायुसेना अब खत्म हो गई है और अमेरिका और नाटो के विमानों ने पूरी तरह लीबिया के वायुक्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. इसी के बाद थलसेना को हमले करने का फैसला किया गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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