यूरो संकट के बीच बर्लिन में वेन जियाबाओ – DW – 28.06.2011
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यूरो संकट के बीच बर्लिन में वेन जियाबाओ

२८ जून २०११

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के साथ अहम मुद्दों पर वार्ता के लिए चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ बर्लिन पहुंच गए हैं. ग्रीस के कर्ज संकट से यूरो मुद्रा की बढ़ती मुश्किलों पर भी चर्चा होनी है. जियाबाओ ब्रिटेन से जर्मनी आए.

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तस्वीर: dapd

जर्मन चीनी संयुक्त कैबिनेट बैठक के लिए जियाबाओ सरकार में कई मंत्री बर्लिन पहुंचे हैं. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने प्रधानमंत्री जियाबाओ का स्वागत किया. विदेश मंत्रियों के साथ दोनों नेताओं की बातचीत होने की उम्मीद है. मंगलवार को मैर्केल और जियाबाओ संयुक्त कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें द्विपक्षीय व्यापार और यूरो मुद्रा संकट अहम मुद्दे रहेंगे.

13 चीनी मंत्री जियाबाओ के साथ बर्लिन पहुंचे हैं जो जर्मन-चीनी सरकार में पहले दौर की वार्ता में हिस्सा लेंगे. चीन के लिए द्विपक्षीय सहयोग का यह नया मॉडल है और इससे पता चलता है कि मुश्किल समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग कैसे किया जा सकता है.आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि यूरो को स्थिर करना चीन और जर्मनी के हित में है. लेकिन राष्ट्रीय कर्ज एक द्विपक्षीय न होकर बहुपक्षीय मुद्दा है इसलिए चीन को यूरोपीय संघ से बातचीत करनी होगी.

Eurogruppe berät Ausweitung des Rettungsschirms
तस्वीर: AP

यूरोप की यात्रा शुरू करने से पहले वेन जियाबाओ ने कहा कि यूरोप का कर्ज संकट दूर करने में चीन दिलचस्पी लेगा. चीन के विदेश विभाग के होन्ग लाई ने बताया, "यूरोपीय देशों की सहायता करने के लिए चीन अब भी तैयार है और भविष्य में भी करता रहेगा." उनके मुताबिक आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए कई कदम उठा लिए गए हैं. चीन ने यूरोपीय संघ के बॉन्ड खरीदने शुरू कर दिए हैं.

लेकिन चीन और जर्मनी के बीच रिश्तों को सबसे बड़ी चुनौती 2007 में हुई जब चांसलर मैर्केल ने दलाई लामा से मुलाकात ने दी है. चीन ने इसे बेइज्जती बताया और कहा कि जर्मनी उसके घरेलू मामलों में दखल दे रहा है. इसी मुलाकात पर हुए हंगामे के चलते चीन और जर्मनी में कई बैठकों को रद्द या स्थगित कर दिया गया. लेकिन धीरे धीरे द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार आया. हालांकि मैर्केल ने कहा है कि चीन सरकार के साथ बातचीत में वह मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएंगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह

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