बर्लिन और फ्रैंकफर्ट में 'कब्जा करो' प्रदर्शन – DW – 30.10.2011
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बर्लिन और फ्रैंकफर्ट में 'कब्जा करो' प्रदर्शन

३० अक्टूबर २०११

दुनियाभर में जारी 'कब्जा करो' अभियान के समर्थक जर्मन नागरिक एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं. शनिवार को जर्मनी में बर्लिन और फ्रैंकफर्ट में प्रदर्शन हुए. फ्रैंकफर्ट में यूरोपीय सेंट्रल बैंक के सामने दो हफ्ते चलेगा धरना.

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फ्रैंकफर्ट में प्रदर्शनतस्वीर: dapd

शनिवार के प्रदर्शनों में कई शहरों के लोगों ने हिस्सा लिया. पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक लगभग ढाई हजार लोगों ने फ्रैंकफर्ट में एक मार्च निकाला. यह मार्च जर्मन नेशनल बैंक और यूरोपीय सेंट्रल बैंक से होता हुआ गुजरा. अटैक नाम के संगठन ने यह प्रदर्शन आयोजित किया था. संगठन के मुताबिक प्रदर्शन में पांच हजार लोग शामिल हुए.

अमेरिका में जारी वॉल स्ट्रीट पर कब्जा की तर्ज पर जर्मनी में इस अभियान को फ्रैंकफर्ट पर कब्जा नाम दिया गया है क्योंकि वहां यूरोप के बड़े वित्तीय संस्थान हैं जिनमें यूरोपीय सेंट्रल बैंक एक है. इस बैंक के सामने दो हफ्ते से धरना चल रहा है और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे दो हफ्ते और वहां रहेंगे.

Occupy-Bewegung in Berlin Flash-Galerie
बर्लिन में प्रदर्शनतस्वीर: dapd

अमीरी पर तंज

राजधानी बर्लिन में भी लगभग एक हजार प्रदर्शनकारी मुख्य सिटी हॉल के सामने जमा हुए. उन्होंने अपने हाथ में तख्तियां पकड़ी हुई थीं जिन पर लिखा था बर्लिन पर कब्जा. कुछ तख्तियों पर संकट में पूंजीवाद और हम 99 फीसदी हैं जैसे नारे भी लिखे हुए थे. 99 फीसदी लोगों से प्रदर्शनकारियों का मतलब उन लोगों से है जो दुनिया के 60 फीसदी धन पर जीते हैं. कुछ आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के कुल धन के 40 फीसदी हिस्से का कब्जा सिर्फ एक फीसदी लोगों के हाथ में है.

कुछ युवा तंज कसने के मकसद से उन एक फीसदी लोगों जैसे बनकर आए थे. लड़कियों ने बॉल डांस के वक्त पहने जाने वाले गाउन और लड़कों ने सूट पहन रखे थे. वे लोग हम एक फीसदी हैं, हम अमीर हैं तुम नहीं जैसे नारे लगा रहे थे. आयोजकों का कहना है कि 12 नवंबर को दोनों शहरों में फिर प्रदर्शन होंगे.

कब्जा करो मुहिम की शुरुआत स्पेन में मई महीने में हुई जब बेरोजगारी और महंगाई के विरोध में कुछ युवाओं ने प्रदर्शन करने शुरू किए. इस मुहिम को स्पेन में इंडिगनैंट यानी क्रोधित नाम दिया गया. वहां से यह अभियान वॉल स्ट्रीट पर कब्जा नाम लेकर न्यूयॉर्क पहुंचा और फिर पूरी दुनिया में फैल गया. लंदन में पिछले दो हफ्ते से सेंट पॉल कैथेड्रल के सामने सैकड़ों युवा आर्थिक असमानता के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.

रिपोर्टः एएफपी/एपी/डीपीए/वी कुमार

संपादनः ओ सिंह