नए नियमों से खेलों में पारदर्शिता आएगी: गिल – DW – 03.05.2010
  1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नए नियमों से खेलों में पारदर्शिता आएगी: गिल

३ मई २०१०

भारत के खेल मंत्री एमएस गिल ने कहा है कि खेल प्रशासकों का कार्यकाल सीमित करने के लिए नए नियम लागू होने से खेल जगत में पारदर्शिता आएगी और माहौल पेशेवर होगा. नेताओं और नौकरशाहों पर लगेगी लगाम.

https://p.dw.com/p/NCnk
तस्वीर: AP

नियमों में संशोधन के बाद नेशनल स्पोर्ट्स फ़ेडरेशन (एनएसएफ़) के अध्यक्ष का कार्यकाल 12 साल तक सीमित हो जाएगा. वह लगातार 12 साल अपने पद पर बने रह सकते हैं या फिर अलग अलग कार्यकाल में 12 साल की अवधि पूरी कर सकते हैं. सचिव या खजांची के पद पर चार चार साल के दो कार्यकाल निर्धारित किए गए हैं. लेकिन एक बार चुने जाने के बाद उन्हें अगले चार साल के लिए अपने पद से हटना होगा. उसके बाद ही वे नए कार्यकाल के लिए चुनाव में हिस्सा ले सकेंगे.

खेल संस्थाओं के सभी सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 70 साल निर्धारित की गई है. खेल मंत्री एमएस गिल का कहना है कि भारत में खेलों को पटरी पर लाने की दिशा में नए नियम काफ़ी मददगार साबित होंगे. "यह आदेश पास करते समय मुझे इस बात का विश्वास है कि इससे खिलाड़ियों का ही हित सधेगा. साथ ही खेल प्रशासन में पारदर्शिता के साथ प्रोफ़ेशनलिज़्म भी देखने को मिलेगा."

कई नेताओं पर ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि खेल संस्थाओं में उन्होंने अपना एकाधिकार क़ायम कर लिया है. बीजेपी नेता वीके मल्होत्रा तीन दशकों से आर्चरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष हैं. अकाली दल नेता सुखदेव सिंह ढींढसा साइक्लिंग ऑफ़ फ़ेडरेशन के प्रमुख के पद पर 14 साल से कार्यरत हैं जबकि कांग्रेस नेता कैप्टन सतीश के शर्मा एयरो क्लब की अध्यक्षता 24 साल से कर रहे हैं.

एमएस गिल की ओर से कड़ा रुख़ दिखाने के बाद नेताओं, व्यापारियों और नौकरशाहों पर लगाम लगने की उम्मीद की जा रही है क्योंकि वे कई साल से बड़े पदों पर अपना क़ब्ज़ा जमाए हुए थे.

नए नियमों के मुताबिक़ इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी, वीके मल्होत्रा (तीरंदाज़ी), सुखदेव सिंह ढींढसा (साइक्लिंग), वीके वर्मा (बैडमिंटन), कैप्टन सतीश के शर्मा (एयरो क्लब) और बीएस आदित्यन (वॉलीबॉल) वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने के बाद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

माना जा रहा है कि खेल मंत्री एमएस गिल और सुरेश कलमाड़ी के बीच चल रही तनातनी के नतीजे के रूप में ही नए नियम सामने आए हैं. सुरेश कलमाड़ी 1996 से आईओए के अध्यक्ष हैं.

1975 में बनाए गए नियमों में अध्यक्ष, सचिव, और खजांची के पद के लिए कार्यकाल को निर्धारित किया गया था लेकिन पूर्व एनडीए सरकार में तत्कालीन खेल मंत्री उमा भारती ने कार्यकाल निर्धारण संबंधी नियमों को अधर में लटका दिया था. खेल मंत्रालय का कहना है कि कार्यकाल निर्धारित करने के नियमों को उसने फिर से प्रभावी करने का फ़ैसला ले लिया ताकि खेलों में पारदर्शिता और जवाबेदही लाई जा सके.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह