देसी रईसों को लुभाने की कोशिश में जेट विमान कंपनियां – DW – 11.02.2011
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देसी रईसों को लुभाने की कोशिश में जेट विमान कंपनियां

११ फ़रवरी २०११

भारत में अरबपतियों की लंबी होती फेहरिश्त ने एग्जिक्यूटिव जेट विमान बनाने वाली कंपनियों को एक बड़ा बाजार दे दिया है. एयरो इंडिया एयरशो में विदेशी कंपनियां देसी रईसों को लुभाने में जुटी हैं.

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तस्वीर: PA/dpa

अमेरिका की गल्फ स्ट्रीम और ब्राजील की एम्ब्रेयर, दोनों कंपनियों को एयरो इंडिया एयरशो से बड़ी उम्मीदें हैं. लग्जरी जेट विमान बनाने वाली ये कंपनियां हिंदुस्तानी रईसों को अपने शानदार जेट विमानों से लुभाने में जुटी हैं. दुनिया भर में छाई मंदी ने इन कंपनियों के कारोबार पर बुरा असर डाला है. अब जब हर जगह खर्च में कटौती और किफायत की बात हो रही हो तो भला इनके जेट विमान कौन खरीदेगा. 2008-09 की मंदी में जहां एक तरफ विमानों की बिक्री में 30 फीसदी की कमी आई वहीं उनकी उड़ानों में ये कमी करीब 40 फीसदी की रही.

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तस्वीर: ILA

पर इसी बीच भारत अपने तरक्की के रास्ते निकालता रहा. हालात यह है कि 2010 में 17 नए भारतीय अरबपतियों के एलीट वर्ग में शामिल हुए और इस तरह एक अरब से ज्यादा की आबादी वाले देश में अरबपतियों की तादाद 69 पर पहुंच गई. देश के सबसे रईस इंसान मुकेश अंबानी ने अपनी बीवी को 2007 में उनके जन्मदिन पर 6 करोड़ यूरो की कीमत वाला एयरबस का बनाया जेट विमान तोहफे में दिया. विमान में मनोरंजन के लिए अलग केबिन के साथ ही नहाने का भी इंतजाम है.

एम्ब्रेयर में एशिया के सेल्स विभाग के वाइस प्रेसीडेंट जोस एडुराडो कोस्टा ने बताया कि उनकी कंपनी को कई विमानों के लिए ऑर्डर मिले हैं. जोस के मुताबिक, "निजी जेट कोई फेरारी या लग्जरी बोट नहीं है. ये कारोबार के लिए एक जरूरी उपकरण है और बाजार यह बात जानता है. हमारे पांच विमान सरकार के पास हैं जबकि चार निजी कंपनियों के पास. अगले तीन सालों में हम 30 और विमानों की डिलीवरी देने जा रहे हैं."

इसी तरह गल्फस्ट्रीम ने बताया कि 2001 में उसके पांच विमान भारत में थे जिनकी संख्या पिछले साल बढ़ कर 17 हो गई. इनमें से पांच दो बड़े केबिन वाले विमान हैं जिनमें जी-550 भी है जो 12000 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है.

एविएशन के बारे में आंकड़े रखने वाली कंपनी जेटनेट के मुताबिक 2007 में दुनिया भर में की गई जेट विमानों की डिलीवरी का सात फीसदी एशिया प्रशांत क्षेत्र में हुई जबकि 2009 में ये आंकड़ा 12 फीसदी पर जा पहुंचा. सेसना एयरक्राफ्ट कंपनी ने चार साल पहले बंगलौर में अपनी दुकान खोली और जानकारों के मुताबिक निजी जेट विमान बेचने वाली कंपनियों में कंसास की ये कंपनी सबसे आगे है. सेसना के अंतरराष्ट्रीय कारोबार से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ट्रेवर एस्लिंग ने यह तो नहीं बताया कि भारत में वह कितने विमान बेचने जा रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा, "2025 तक मुझे उम्मीद है कि भारत अमेरिका के बाहर निजी विमान रखने वाले शीर्ष दस देशों में होगा."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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